अव्यय
अव्यय
अव्यय - अर्थ एवं प्रयोग:
'अ' + 'व्यय'
अर्थात, जिसका व्यय न हो। अन्य शब्दों में कहें तो वे शब्द जिनमें परिवर्तन (व्यय) नहीं होता, अव्यय कहलाते हैं।
जैसे: अत्र, तत्र, अद्य, श्व आदि अव्यय हैं।
(1) तर्हि
तर्हि का अर्थ होता है, 'तो, इसलिए'।
तर्हि सर्वं दायित्वं भवत: एव।
इसलिए अब आपकी हीं सारी ज़िम्मेदारी है।
तर्हि पानकं आनयामि।
तो मैं जूस लाता हूँ।
(2) यावत्−तावत्
यावत्−तावत् का अर्थ होता है, 'जैसे ही, वैसे ही'।(ज्योंहि-त्योंहि)
यावत् आवश्यकं तावत कुरु।
जैसा आवश्यक हो वैसा करो।
यावत पाठशालां गतवान तावन् घण्टा ताडिता।
जैसे ही घण्टी बजी वैसे ही मैं स्कूल पँहुच गया।
(3) यद्यपि
यद्यपि का अर्थ होता है, 'फिर भी'।
यद्यपि स: दरिद्र: अस्ति।
फिर भी वह ग़रीब है।
यद्यपि स: तत्र गतवान्।
फिर भी वह वहाँ गया।
(4) तथापि
तथापि का अर्थ होता है, 'तो भी' या'फिर भी'।
तथापि नूतनं इन प्रतिभाति।
फिर भी यह नया लगता है।
अहं दशवारं पठितवान, तथापि न स्मरामि।
मैंने इसे दस बार पढ़ा, फिर भी याद नहीं हुआ।
(5) प्राय:
प्राय: का अर्थ होता है, 'अधिकतर' या'अक्सर'।
प्राय: सज्जना: मिथ्यां न वदन्ति।
अधिकतर सज्जन व्यर्थ नहीं बोलते।
प्राय: स: देवालयम् गच्छति।
वह अक्सर मंदिर जाता है।
(6) परन्तु
परन्तु का अर्थ होता है, 'लेकिन'।
आवश्यकं आसीत्, परन्तु भवान् मूल्यं अधिकं वदति।
मुझे ये चाहिए लेकिन आपने बहुत अधिक मूल्य बता दिया।
स: ज्ञानवान अस्ति परन्तु वाचाल: अपि अस्ति।
वह ज्ञानी तो है, परन्तु वाचाल भी है।
(7) सहसा
सहसा का अर्थ होता है, 'अचानक'।
सहसा विदधीत न क्रियाम्।
बिना विचारे कुछ नहीं करना चाहिए।
अहं विद्यालयं गच्छामि स्म सहसा । सहसा मार्गे अध्यापक: अगच्छत्।
मैं विद्यालय जा रहा था, अचानक रास्ते में अध्यापक आ गया।
(8) दूरम्
दूरम् का अर्थ होता है, 'दूर'।
मम विद्यालय दूरम् अस्ति।
मेरा विद्यालय दूर है।
अस्माकं आपणं ग्रामात् दूरम् अस्ति।
हमारा बाज़ार गाँव से दूर है।
(9) निकटे
निकटे का अर्थ होता है, 'पास में/समीप में'।
मम विद्यालय: निकटे अस्ति।
मेरा विद्यालय पास में है।
अस्माकं आपणं ग्रामात् निकटे अस्ति।
हमारा बाज़ार गाँव के पास है।
(10) मिथ्या
मिथ्या का अर्थ होता है, 'झूठ'।
जगत् मिथ्या सत्यं ब्रहम।
संसार व्यर्थ है, एकमात्र ब्रहम ही सत्य है।
त्वं सदा मिथ्या वाक्यानि वदसि।
तुम हमेशा व्यर्थ बातें करते हो।
(11) क्रमश: क्रम से
क्रमश: का अर्थ होता है, 'लगातार अथवा क्रमवार'।
कक्षायाम् क्रमश: छात्रा: पठन्ति।
कक्षा में छात्र क्रम से पढतें हैं।
अहं क्रमशं स्व कार्य करोमि।
मैं क्रमवार अपना कार्य करता हूँ।
(12) अग्रे
अग्रे का अर्थ होता है, 'आगे'।
अग्रे गच्छतु।
आगे जाओ।
स: अग्रे किं कुर्यात्?
उसने आगे क्या किया?
(13) अग्रत:
अग्रत: का अर्थ होता है, 'से पहले'।
स: मम अग्रत: अस्ति।
वह मुझसे पहले है।
अग्रत: गत्वा स: रामं पश्यति स्म।
आगे जाकर उसने राम को देखा।
posted by Umadutt sharma @ April 21, 2020 0 Comments
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